Table of Contents
Toggleहेल्थ इंश्योरेंस डायबिटीज में आपकी आर्थिक सुरक्षा का साथी
हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?
हेल्थ इंश्योरेंस, जिसे मेडिक्लेम इंश्योरेंस के नाम से भी जाना जाता है, आज के समय में वित्तीय योजनाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है । इस तेजी से भागती दुनिया और व्यस्त जीवनशैली में बीमार पड़ना अब एक आम बात हो गई है । जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है, तो इसका प्रभाव परिवार पर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से पड़ता है । मानसिक और शारीरिक प्रभाव तो उस व्यक्ति पर होता है जो बीमार है, लेकिन आर्थिक प्रभाव पूरे परिवार पर होता है । हालांकि, हम मानसिक और शारीरिक प्रभाव को पूरी तरह समाप्त नहीं कर सकते, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस के माध्यम से आर्थिक प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं ।
इस लेख में हम जानेंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस और डायबिटीज के बीच क्या संबंध है, डायबिटीज के लक्षण, इसके कारण और इससे बचाव के तरीके, और कैसे एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान इस बीमारी से उत्पन्न होने वाले आर्थिक बोझ को कम कर सकता है ।
डायबिटीज एक गंभीर वैश्विक समस्या
विश्व स्वास्थ्य संगठन( WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में 1.5 मिलियन लोग डायबिटीज के कारण असामान्य मृत्यु का शिकार होते हैं और यह बहुत तेज़ी से दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले रहा हे! वर्तमान में, दुनिया में 42.2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जिनमें से अधिकांश निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं । 2019 में, डायबिटीज और इससे संबंधित किडनी की बीमारियों के कारण अनुमानित 2 मिलियन मौतें हुईं ।
भारत में, स्थिति और भी गंभीर है । Lancent की हालिया रिपोर्ट के अनुसार अनुमान हे की भारत वर्ष में 10 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह( diabities) के शिकार हे! जो की देश की आबादी का 11.4 है!
हाल ही में प्रकाशित * The Lancet Diabetes & Endocrinology * की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रसंस्कृत मांस( Reused Meat), असंसाधित लाल मांस( undressed Red Meat) और पोल्ट्री( Flesh) के सेवन से 10 साल की अवधि में टाइप- 2 डायबिटीज( Diabetes ) होने का खतरा बढ़ जाता है । इस अध्ययन के अनुसार, लाल मांस और अन्य पशु उत्पादों में पाए जाने वाले हीम आयरन( Heme Iron) के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध पाया गया है ।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 136 मिलियन लोग प्री- डायबिटीज की स्थिति में हो सकते हैं । WHO के अनुमान के अनुसार, भारत में 77 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और 25 मिलियन लोग प्री- डायबिटीज की स्थिति में हैं, जिन्हें भविष्य में डायबिटीज का अधिक खतरा है । इस प्रकार, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है जहाँ इतनी बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं । देश के कुछ हिस्सों में Diabetes का प्रसार बहुत तेज़ी से होता जा रहा हे जिनमे से मुख्य राज्य गोवा, पांडुचेरी, केरल, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब इत्यादि हे!
Diabetes दुनिया भर में 11 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करता हे जिसकी वजह से दिल का दौरा( HEART ATTACK), STROKE, BLINDNESS, order FAILURE और शरीर के हिस्से के काटने( AMPUTATION) का खतरा बढ़ जाता हे!
एक जाने माने डॉक्टर के अनुसार अब Diabetes सम्पन( AFFLUENT) और शहरों में रहने वाले लोगी की बीमारी नहीं रह गई हे यह अब यह कही भी किसी को भी हो सकती हे! इससे बच्चे भी अछूते नहीं रहे हे ऐसा सुनने और देखने में आया की पहले जो बीमारी एक उम्र के बाद होती थी अब यह किसी भी उम्र में हो सकती हे Diabetes का उम्र से कोई लेना देना है!
डायबेटोलोजिया जर्नल में प्रकाशित स्टडी रिपोर्ट के अनुसार अगर माँ Diabetes TYPE-1 से पीड़ित हे तो उसके बच्चे को यह बीमारी होने का खतरा कम होता हे जबकि अगर पिता को Diabetes हे तो बच्चे में हो सकता है इस बीमारी का ज्यादा खतरा!
डायबिटीज के कारण, प्रकार, लक्षण और प्रभाव
Diabetes के कारण और बहुत सी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता हे चिंता की बता यह हे की अब बड़े उम्र के लोगो की तुलना में बच्चो को भी इसने अपनी लपटे में ले लिया हे! आकड़ो के अनुसार बात करें तो 0 से 19 साल के आयु वर्ग के 1.2 मिलियन बच्चे दुनियाभर में डायबिटीज से पीड़ित है और बच्चो में DIABITIES होने का मुख्य कारण
” बदलती जीवनशैली, जीवन स्तर में सुधार, शहरों की ओर पलायन, अनियमित काम के घंटे( Erratic working hours), गतिहीन आदतें( Sedentary Habits), तनाव, प्रदूषण, खान- पान में बदलाव और फास्ट फूड की आसान उपलब्धता कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से भारत में मधुमेह बढ़ रहा है । मोटापा, PHYSICIAL ACTIVITY की कमी, गलत खानपान जिसमे जंकफ़ूड एक महत्वपूर्ण कारण हे!
डायबिटीज के प्रकार
डायबिटीज को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है टाइप- 1 और टाइप- 2 । इसके अलावा, एक और प्रकार है जिसे टाइप- 1.5 डायबिटीज कहा जाता है, जिसमें दोनों प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं ।
1. टाइप- 1 डायबिटीज
टाइप-1 diabites में हार्मोन इन्सुलिन की समस्या के कारण रक्त में बहुत ज्यादा ग्लूकोस होने के कारण होती हे! यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है जिसमें शरीर बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बना पाता । जिन परिवारों में टाइप- 1 डायबिटीज का पारिवारिक इसका इतिहास होता है, वहाँ इस बीमारी का खतरा 8 से 15 गुना अधिक होता है ।
2. टाइप- 2 डायबिटीज
यह सबसे सामान्य( Comman) प्रकार है जिसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता या इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता । यह ऑटोइम्यून बीमारी नहीं है, और इसकी संभावना उम्र के साथ बढ़ती है । TYPE-1 डायबिटीज की तुलना में TYPE-2 Diabetes से पीड़ित लोग ज्यादा हे!
3. टाइप- 1.5 डायबिटीज
यह एक मिश्रित प्रकार है जिसमें टाइप- 1 डायबिटीज और टाइप- 2 डायबिटीज दोनों के लक्षण होते हैं ।
डायबिटीज के लक्षण
DIABITIES के लक्षण अचानक प्रकट हो सकते हे और DIABITIES टाइप-2 में लक्षण हल्के हो सकते हे और लक्षण प्रकट होने में समय लग सकता हे!
– अत्यधिक प्यास लगना
– बार- बार पेशाब आना
– धुंधली दृष्टि
– अत्यधिक भूख लगना
– अचानक वजन घटाना
– थकान और कमजोरी
Diabetes के प्रभाव
Diabetes की वजह से दिल का दौरा( HEART ATTACK),
STROKE,
BLINDNESS,
order FAILURE
और रक्त वाहिकाओ को नुकशान पहुँचता हे और शरीर के हिस्से के काटने( AMPUTATION) का खतरा बढ़ जाता हे!
Diabetes के कारण पैरो में अलसर हो सकता हे और पेरो को काटना भी पड़ सकता है!
डायबिटीज से बचाव और उपचार
डायबिटीज से बचाव के लिए स्वस्थ आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि, सामान्य वजन बनाए रखना, और तंबाकू के सेवन से बचना महत्वपूर्ण है । यदि डायबिटीज हो जाती है, तो नियमित जाँच, सही उपचार, और स्वास्थ्य बीमा आवश्यक हो जाते हैं ।
हेल्थ इंश्योरेंस डायबिटीज में आपकी मदद कैसे करता है?
डायबिटीज के मरीजों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि
1. नियमित जांच और उपचार का खर्च
डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना और महंगी दवाइयाँ लेना पड़ता है । हेल्थ इंश्योरेंस इन खर्चों को कवर करता है ।
2. आपातकालीन स्थितियों का खर्च
डायबिटीज के कारण होने वाली आपातकालीन स्थितियों, जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, या किडनी फेलियर के उपचार का खर्च भी हेल्थ इंश्योरेंस कवर करता है ।
3. कैशलेस इलाज की सुविधा
आप देशभर में किसी भी नेटवर्क अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं । इसके अलावा, कुछ प्लान्स में नॉन- नेटवर्क अस्पतालों में भी इलाज करवाने की सुविधा होती है ।
4. स्वास्थ्य जाँच की सुविधा
कई हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स में नियमित स्वास्थ्य जाँच की सुविधा मिलती है, जिससे आप अपनी सेहत का ध्यान रख सकते हैं और समय पर बीमारी का पता लगाकर उसका इलाज करवा सकते हैं ।
5. टैक्स बेनिफिट्स
आयकर कानून के अनुसार, आप अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर धारा 80D के तहत 25,000 रुपये तक और वरिष्ठ नागरिक माता- पिता के लिए 50,000 रुपये तक के टैक्स बेनिफिट्स प्राप्त कर सकते हैं ।
निष्कर्ष
हेल्थ इंश्योरेंस न केवल आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि मानसिक शांति भी देता है । डायबिटीज जैसे दीर्घकालिक रोगों के लिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है । इसलिए, सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का चयन करना और समय पर प्रीमियम का भुगतान करना आवश्यक है । एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुनने से आप और आपका परिवार चिकित्सा आपदाओं के दौरान आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकते हैं ।
अभी कदम उठाएं अपनी और अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा और स्वास्थ्य को सुरक्षित करने के लिए सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का चयन करें । अपने भविष्य को सुरक्षित रखें और हेल्थ इंश्योरेंस के साथ एक स्वस्थ और सुरक्षित जीवन की दिशा में पहला कदम उठाएं । एक अच्छे हेल्थ इन्शुरन्स के लिए आज ही संपर्क करे आपका साथी नरेश कुमार पाल# 9311252424!