क्यों करे गोल्ड और सिल्वर मै  इन्वेस्ट ?(Why invest in gold and silver) ?

गोल्ड और सिल्वर

प्रस्तावना (introduction)

मानव इतिहास में गोल्ड और सिल्वर का महत्वपूर्ण स्थान रहा हे आदिकाल  से और अगर इतिहास  के पन्नो को पलटा जाये तो हम पायेगे की गोल्ड हमेशा से हर किसी का खास रहा है  हर किसी को गोल्ड से लगाव रहा है  चाहे वो आम हो या खास ! हम यह कह सकते है  की भारत में सोना और चाँदी सिर्फ जेवर नहीं ही बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और वित्तीय सुरक्षा का प्रतीक भी है ! इतिहास के पन्नों  से देखा जाये तो ऐसा कहा  जाता हे की महमूद ग़ज़नी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिरो पर 17  बार आक्रमण  किया जिसका मुख्य उदेश्य भारत के मंदिरो से सोना और चाँदी को लूटना था ! इसका मुख्य कारण इन मंदिरो का समृद्व होना था क्योकि भारत उस समय दुनिया का सबसे अमीर देश  था और मंदिरों में जनता द्वारा दान किए गए सोने-चाँदी का भंडार था। यह हमले उसने (1000 से 1027 ई.) के बीच किये थे उसका मुख्य उदेश्य अपने आप को आर्थिक रूप से समृद्व करना था !

जब भी इतिहास में बुरा समय आया है जैसे की 1973 के बाद से अमरीका (U.S ) में जब भी मंदी (Recessions) आई है  तब सोने ने  बेहतर प्रदर्शन किया है  चाहे वो Stock Market-2020  में कोई बड़ी गिरावट हो, 2008 का financial Crisis  हो , Covid-19 का Pendemic (महामारी) हो, 24  february,2022  के बाद से रूस-यूक्रेन संघर्ष हो , Middle East tensions (इज़राइल-ईरान और अन्य क्षेत्रीय संघर्षों, जो 2025 की शुरुआत से मध्य तक तीव्र हो गए थे और अभी हाल में हुए अमेरिका-चीन तनाव और व्यापार युद्ध (Trade War) ऐसे मुख्य  कारण जब भी रहे है  तब तब गोल्ड ने बुरे समय में हर किसी को सुरक्षा का अहसास करवाया है  और मार्केट से अच्छा रिटर्न्स निवेशकों को दिया  है !  वहीं चाँदी अब सिर्फ गहनों और बर्तनों तक सीमित नहीं है, बल्कि EV (इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ), सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी इंडस्ट्री की रीढ़ बन चुकी है।  सितंबर 2025 में, यह धातु ₹1.5 लाख प्रति किलोग्राम से भी ज़्यादा के रिकॉर्ड मूल्य पर पहुँच गई, जो इस साल अब तक के सोने के रिटर्न से भी ज़्यादा है। इसे अमेरिका की महत्वपूर्ण खनिजों की सूची में भी शामिल किया गया, जिससे तकनीक और नवीकरणीय ऊर्जा में इसके रणनीतिक महत्व का पता चलता है।

 क्यों करें सोने (Gold) में निवेश? (why Invest in Gold)

सोने में निवेश करना हमेशा से हर किसी की चाहत रही है  उसके कई कारण है  जिसमे से मुख्य कारण इसका हमारी सामाजिक और आर्थिक प्रतिष्टा का एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है ! जिस पारिवारिक समाज में हम रहते है  उसमे शादी में और परिवार में किसी भी खुशी में इसका आदान प्रदान अपनी आस्था और हैसियत दिखाने और मान सम्मान के रूप में देखा जाता है ! गोल्ड को अपने पास रखने के कई अन्य कारण भी है  यह हमारे पोर्टफोलियो को स्थिरता देता है  बुरे समय में जैसे की जब भी बाजार में आर्थिक मंदी हो , World wide Jio Political स्थिति खराब  हो या कोई महामारी  हो गोल्ड हमेशा से इन्  परिस्थियों में हमेशा से निवेशको की पहली प्राथमिकता में रहा है  इसलिए गोल्ड को हमेशा से सुरक्षा का साधन (Safe Haven) कहा गया है !

1) अस्थिरता में सुरक्षा (Safety in Volatility)

महंगाई से बचाव (Inflation Hedge)

सब से पहले तो हमे यह पता  होना चाहिए की hedgeing होती क्या है , यहाँ पर इन्फ्लेशन हेजिंग से मतलब बचाव करना( महगाई से बचाव) यानि की जब  भी हम  निवेश कर रहे हे तो उस निवेश को महगाई से ज्यादा रिटर्न्स हमे मिले तभी हम inflation से बच सकते है  और हर निवेशक की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक मुद्रास्फीति को मात देना है ! सोना एक मत्वपूर्ण रोल play करता है  इन्फ्लेशन को beat करने में यह हमारे पोर्टफोलियो का हिस्सा होना चाहिए Risk को कम करने और महगाई से बचाव के लिए !

जब रुपये की कीमत घटती है और महंगाई बढ़ती है,तो सोने की कीमत बढ़ती है।

सोने को व्यापक रूप से मुद्रास्फीति से बचाव का साधन माना जाता है क्योंकि अमेरिकी डॉलर में इसकी कीमत परिवर्तनशील होती है। 

Global Trust – सोना दुनिया का एकमात्र asset है जिसे हर देश और हर निवेशक मान्यता देता है। इसका मुख्य कारण इसका asset class का कही भी किसी भी देश में खरीदा और बेचना आसान हे, दूसरा यह आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितता के समय में सुरक्षित निवेश माना जाता है, और इसकी वैश्विक स्वीकृति है। पारंपरिक मुद्राओं के विपरीत, सोने का मूल्य स्थिर रहता है, जो इसे मुद्रास्फीति से बचाव और वित्तीय स्थिरता का एक विश्वसनीय माध्यम बनाता है !

भारत में महत्व – World Gold Council की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय परिवारों के पास लगभग 25,000 टन से ज्यादा सोना रखा हुआ है, जो दर्शाता है कि लोग इसे लंबे समय तक wealth protector मानते हैं और यह रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ती जा रही है ! भारतवर्ष में हर उत्सव और खास मोको पर जैसे की शादी व्याह,  लगन, बच्चो के परिवार में आने पर और कई खास मोको पर सोने का आदान प्रदान किया जाता है और हमारे भारतीय समाज में सोना अपने पास रखना शुभ संकते भी माना  जाता है और परिवार से परिवार में आगे देने का रिवाज़ भी हैं !

 2 ) वैश्विक और घरेलू मांग के चालक (Global and Domestic Demand Drivers)

केंद्रीय बैंकों की खरीद (Central Bank Buying): दुनिया भर के केंद्रीय बैंक (Central Banks) और भारत (India ) मुद्रा अनिश्चितता और भू-राजनीतिक विखंडन के बीच सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं ।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति (US Fed Policy): इतिहास बताता है कि जब अमेरिकी फेड ब्याज दरों में कटौती करता है (Interest Rate Cuts), तो सोने की कीमतों में तेज़ी आती है ।

क्यों करें चाँदी (Silver) में निवेश? (Why invest in Silver)

चाँदी भी भारतीय  संदर्भ में एक महत्वपूर्ण धातु के रूप में अपनी पहचान रखती है  गोल्ड के बाद और अभी पिछ्ले  महीने ही  U. S. ने  चाँदी  को कीमती धातु के रूप में इंकित किया है इसका मुख्य कारण  पिछले कुछ समय से चाँदी में आई  तेज़ी और Industrial Demand के रूप में इसकी मांग की वजह से चाँदी 151000 रूपये प्रति किलो के भाव पर पहुँच गई है  और पिछले कुछ समय में इसने गोल्ड को भी पिछाड़ दिया है सोने की कीमत में 42% की वृद्धि हुई है, जबकि चांदी 2025 तक 48% की शानदार बढ़त के साथ आगे निकल गई है।

World Silver  survey 2025 के अनुसार  चांदी की मांग का 50% से अधिक औद्योगिक उपयोग  (Industrial Use ) से आता है।

ग्रीन इकोनॉमी की लाभार्थी: चांदी की मांग का प्रमुख चालक ग्रीन इकोनॉमी (Green Economy) है, जिसमें सोलर फोटोवोल्टिक (PV) पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं ।

    • सौर ऊर्जा (Solar Energy) पैनल
  • इलेक्ट्रॉनिक्स, 5G टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) में उपयोग।

आपूर्ति की गंभीर कमी (Persistent Supply Deficit): वर्ल्ड सिल्वर सर्वे 2025 के अनुसार, 2024 में चांदी का बाज़ार लगभग 150 मिलियन औंस (Moz) के बड़े घाटे (Deficit) में था, जो वैश्विक आपूर्ति का 15% था ।

यह सभी कारक है  जिनकी वजह से सिल्वर की माँग में तेज़ी आई है  और भविष्य में भी तेज़ी बने रहने की आशा है  पर गोल्ड की तुलना में सिल्वर में ज्यादा  उतार और चढ़ाव होता है !

सोना बनाम चाँदी : कौन है बेहतर ? (Gold vs. Silver: Which is Better?)

मापदंड (Criterion)

सोना (Gold)

चांदी (Silver)

मुख्य उपयोग

सुरक्षित ठिकाना, मुद्रास्फीति बचाव, आभूषण

औद्योगिक उपयोग (5G, Solar, EV), कीमती धातु

कीमत में अस्थिरता/उतार चढ़ाव 

कम अस्थिर, स्थिर

उच्च अस्थिर, अधिक अप्रत्याशित

रिटर्न की क्षमता

मध्यम और स्थिर

उच्च रिटर्न की संभावना (बुल मार्केट में)

लिक्विडिटी (Liquidity )

बहुत उच्च (भारत में तुरंत बिकने योग्य)

उच्च (सोने से कम लिक्विड)

भंडारण(Storage)

आसान (डिजिटल विकल्प अधिक लोकप्रिय)


अधिक बल्क (Bulky), महंगा भंडारण (यदि भौतिक हो)

माँग (Demand)

गोल्ड की माँग अधिक होती है ! 

सिल्वर की माँग industrail माँग पर निर्भर होती है !

क्षमता (Affordability) 

अधिक मांग की वजह खरीदना मुश्किल  है 

निवेशकों के लिए सुलभ है 

गोल्ड और सिल्वर में निवेश के तरीक़े 

भारत में गोल्ड और सिल्वर में निवेश करने के कई तरीके है  जिनमें से प्राचीन समय से भौतिक रूप में   (Physical Form)  लिया जाता  रहा है ! वैसे गोल्ड और सिल्वर लेते समय कई बातो को ध्यान में रखा जाता हे जैसे की रिस्क लेने की क्षमता , समय (Duration), उसकी उपयोगिता और taxation !

हमारे देश के संदर्भ में, गोल्ड और सिल्वर में निवेश करने  के लिए मुख्यत दो हिस्सों में बाटा  जा सकता है, पहला है  भौतिक रूप में (Physical Form ) और दूसरा है कागज़ी (Paper) और digital रूप में !

1. भौतिक रूप में निवेश (Physical Form Investment)

यह तरीका पारंपरिक भारतीय निवेशकों के बीच सबसे लोकप्रिय है, जहाँ वे धातु को अपने कब्जे में रखते हैं।

निवेश का तरीका

विवरण

उपयुक्तता

आभूषण (Jewellery)

सोना और चांदी खरीदने का सबसे आम तरीका।

उच्च भावनात्मक मूल्य रखने वाले, लेकिन निवेश के लिए सबसे कम कुशल (मेकिंग चार्ज, GST, और कम शुद्धता के कारण)।

सिक्के और बार (Coins and Bars)

बैंक, प्रतिष्ठित ज्वैलर्स या MMTC से उच्च शुद्धता (995 या 999) वाले सिक्के/बार खरीदना।

उन निवेशकों के लिए जो धातु को स्वयं रखना चाहते हैं, लेकिन इसमें भंडारण का जोखिम (Storage Risk) और बीमा खर्च शामिल है।

2. कागज़ी/डिजिटल रूप में निवेश (Paper/Digital Form Investment)

यह आधुनिक और टैक्स-कुशल तरीका है, जो भौतिक धातु रखने की परेशानी को दूर करता है।

निवेश का तरीका

विवरण

मुख्य लाभ 

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)

एक म्यूचुअल फंड योजना जो भौतिक सोने में निवेश करती है। इसे स्टॉक एक्सचेंज (NSE/BSE) पर शेयरों की तरह खरीदा और बेचा जाता है।

उच्च लिक्विडिटी, शुद्धता की गारंटी, कोई मेकिंग चार्ज नहीं। डीमैट खाते (Demat Account) की आवश्यकता होती है।

सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF)

गोल्ड ईटीएफ के समान, लेकिन यह भौतिक चांदी में निवेश करता है। भारत में यह अपेक्षाकृत नया निवेश विकल्प है।

चांदी में निवेश का सबसे सुविधाजनक और पारदर्शी (Transparent) तरीका।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond – SGB)

RBI द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं। ये भौतिक नहीं, बल्कि सोने में सरकारी प्रतिभूतियां (Government Securities) हैं।

सबसे बड़ा लाभ: 2.5% प्रति वर्ष का निश्चित ब्याज मिलता है, और 8 साल की परिपक्वता (Maturity) पर पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) से पूरी छूट मिलती है।

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (जैसे Google Pay, Paytm, Zerodha, आदि) के माध्यम से सोना खरीदना। इसे छोटी मात्रा (₹1 से शुरू) में खरीदा जा सकता है।

छोटी मात्रा में निवेश की सुविधा। हालांकि, इसमें अक्सर कोई नियामक निगरानी नहीं होती है और स्टोरेज शुल्क (Storage Fees) लग सकता है।

गोल्ड/सिल्वर फंड ऑफ फंड्स (FoF)

यह एक म्यूचुअल फंड योजना है जो गोल्ड ETF और सिल्वर ETF की इकाइयों में निवेश करती है। (आपके Mirae Asset FoF प्रेजेंटेशन के अनुसार सबसे प्रासंगिक)

सर्वोत्तम टैक्स-कुशल समाधान: यह फंड सोने और चांदी के बीच आंतरिक रूप से रीबैलेंसिंग (Internal Rebalancing) करता है, जिससे निवेशक के हाथ में टैक्स ट्रिगर नहीं होता(टैक्स ड्रैग से बचाव)

यह उपरोक्त तरीके के जिसके माध्यम से हम गोल्ड और सिल्वर में  भौतिक रूप और पेपर/ digital रूप से निवेश कर सकते है !

अब सवाल यह आता हे की हमारे पोर्टफोलियो में गोल्ड और सिल्वर का कितना  % हिस्सा  होना चाहिए ?

आपके पोर्टफोलियो में कितना गोल्ड और सिल्वर होना चाहिए  यह सब आपकी जरुरत, रिस्क लेने की क्षमता और आपकी निवेश के लक्ष्यों पर निर्भर करता है फिर भी अगर आप investment कर रहे है तो यह आपके portfolio का 5 से 15 % होना चाहिए बाकि आप अपनी जरुरत और लक्ष्यों के अनुसार इससे ऊपर निचे कर सकते है !

गोल्ड और सिल्वर में इन्वेस्टमेंट करने पर यह हमारे पोर्टफोलियो में विविधता लाता है  जो की equity और Debt  मार्किट में उतार पर चढ़ाव में हमे स्तिरथा प्रदान करता है !

गोल्ड और सिल्वर में इन्वेस्टमेंट करते समय हमारी क्या निवेश रणनीति(Investment Strategy) होनी चाहिए !

आज के समय में जब इन्वेस्टमेंट करने के लिए भौतिक और digital mode  है तो कोन सा प्रारूप इस समय ज्यादा पॉपुलर होता जा रहा है ! यह भी आपकी जरुरत, लक्ष्यों और निवेश की रणनीति पर निर्भर करता हे यदि आप घर मै  शादी, लगन या किसी और उपयोग के लिए ले रहे तो आप भौतिक रूप से प्रयोग करने के लिए ले सकते है  ! लेकिन यदि आप का निवेश गोल अभी दूर है  तो आप इसे डिजिटल और पेपर के रूप में इन्वेस्ट करने का सोच सकते है  जो की आपको value of money , किफायती और छोटी  छोटी इन्वेस्टमेंट से Sip के रूप में एक बड़ा Fund /Corpus  अपने परिवार  के लिए बना सकते है  ! आपके पास दोनों ही option  होते है   एकमुक्त  निवेश (Lum Sum) और Sip  के माध्यम से भी आप गोल्ड और सिल्वर में निवेश करके अपनी इन्वेस्मेंट के लक्ष्यों तक पहुँच सकते है ! उपरोक्त तरीके से क्या फायदे और नुकसान हे वो सब गोल्ड और सिल्वर में निवेश के तरीक़े  के खडं में बताया गया है !

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निष्कर्ष (Conclusion)

सोना और चाँदी सिर्फ़ धातु नहीं हैं – यह आपके पोर्टफोलियो की सुरक्षा और भविष्य की ग्रोथ की गारंटी हैं।
सोना देता है स्थिरता और सुरक्षा 🛡️, जबकि चाँदी देती है तेज़ी और विकास 🚀

आज जब महंगाई, डॉलर की मज़बूती और मार्केट में उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है, तब Gold + Silver आपके पैसों को बचाने और बढ़ाने दोनों का काम करते हैं।

👉 अगर आप सिर्फ FD, Equity या Property पर निर्भर रहेंगे तो आपका पोर्टफोलियो अधूरा रहेगा।
👉 लेकिन अगर आप 5–10% Gold और 3–5% Silver allocate कर लेते हैं, तो आपकी Wealth सुरक्षित भी होगी और भविष्य में मज़बूत भी।

⏳ इंतज़ार मत कीजिए – आज ही Gold & Silver में निवेश शुरू कीजिए और यदि कोई सवाल हे तो आप मुझसे पूछ सकते हे आपका फाइनेंसियल सारथि 

नरेश कुमार पाल @ 9311252424  बीमा मंत्र Insurance & Financial  Services

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